अपने सोच को कैसे बदले- A Motivational Story

Last Updated on अक्टूबर 11, 2022 by Madan Jha

अपने सोच को कैसे बदले

हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बन जाते हैं।  सोच बदलने से ही हमारा भविष्य बदलता है।  आपके साथ एक मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story) शेयर कर रहा हूं। यह कहानी हमें बताती है हमारी सोच किस तरह बदल जाती हैं।

एक किसान प्रतिदिन सुबह उठकर अपने खेत में काम करने के लिए जाता था। एक दिन उसका लड़का भी जिद करने लगा कि मैं भी चलूंगा। किसान ने काफी समझाया कि  खेत बहुत दूर है और रास्ते में पहाड़ ही पहाड़ है तुम नहीं चल पाओगे। लेकिन लड़का  बात नहीं माना।

अंत में किसान उसे ले जाने के लिए राजी हुआ। घर से खेत की दूरी काफी थी। दोनों पिता एवं पुत्र पहाड़ी रास्ते से जा रहे थे। किसान आगे-आगे चल रहा था उसका पुत्र पीछे पीछे चल रहा था।

बीचो-बीच पहाड़ी पर जब चला रहा था तब रास्ते के बीच में एक पत्थर था। किसान चुकीं रोज उसी रास्ते से निकलता था वह पत्थर के बगल से निकल गया। जबकि लड़का का पता नहीं बीच में पत्थर है। उसे दिखाई नहीं दिया और वह पत्थर से टकरा कर नीचे गिर गया।

नीचे गिरते ही किसान के लड़का से मुंह से आह की आवाज आई। उस लड़के के मुंह से आह की आवाज पहाड़ी से  टकरा के आह की आवाज आई। किसान की लड़की को गुस्सा आ गया वह सोचा कोई पास में है जो मेरा  मजाक उड़ा रहा है।

लड़के ने जोर से बोला कौन हो तुम? फिर पहाड़ी से आवाज आई कौन हो तुम? उस लड़के ने फिर बोला मजाक उड़ा रहे हो? पहाड़ी से फिर आवाज आएगी मजाक उड़ा रहे हो।

किसान सब कुछ देख रहा था। वह समझ गया कि क्या हो रहा है। किसान के लड़के ने जोर से बोला मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं। पहाड़ी से फिर आवाज आई मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं।

किसान का लड़का डर गया। यह कौन है? तब किसान में अपने बच्चे को समझाया। बोला, बेटा यह संसार है। यहां हम वहीं प्राप्त करते हैं जो हम दूसरों को देते हैं। तुम जैसा सोच रखोगे तुम्हें वैसा ही फल प्राप्त होगा।

किसान ने लड़का को समझाते हुए  कहा अब मैं बोल रहा हूं।  किसान जोर से बोला मैं बहुत खुश हूं। पहाड़ी से आवाज आया मैं बहुत खुश हूं। यह लड़का बहुत अच्छा है। पहाड़ी से आवाज आई यह लड़का बहुत अच्छा है।

किसान ने अपने पुत्र को समझाया देखा ईतना देर तुम बोल रहे थे उसी का उत्तर आ रहा था। अभी जो मैं बोल रहा हूं उसका उत्तर आ रहा है। किसान के लड़का अब समझ गया। उसकी सोच बदल गई।

किसान का लड़का सोचने लगा वास्तव में जब हमें गुस्सा आ रहा था तब इस पहाड़ी को भी गुस्सा आ रहा था। अब मुझे प्यार आ रहा है तो इस पहाड़ी को भी मुझसे प्यार आ रहा है। इस लड़का ने भी जोर से बोला मुझे तुमसे प्यार हो गया है। पहाड़ी से आवाज आई मुझे तुमसे प्यार हो गया है। इस प्रकार इस लड़के का सोच बदल गया।

दोस्तों ठीक इस प्रकार  इस संसार से हमें वही प्राप्त होता है जो हम सोचते हैं। हमें उसी शब्दों में जवाब मिलता है जिसमें हम दूसरे को जवाब देते हैं।

इसलिए हमें इस संसार को नहीं बदलना है बल्कि  अपने आप को बदलना है।

 सारी उम्र गालिब

बस यही गलती करता रहा।

धूल चेहरे पर लगा था

और आईना साफ करता रहा।

नकारात्मक सोच से कैसे छुटकारा पाए?

सोचना एक सामान्य  क्रिया है। ज्यादा सोचना (Overthinking) एक असामान्य क्रिया के अंदर आता है। जैसा कि मैं पहले बता चुका हूं कि Overthinking दो प्रकार के होते हैं। पॉजिटिव Overthinking और  नेगेटिव Overthinking

वैसे Overthinking को एक बीमारी मना गया है। यह एक मानसिक बीमारी है। लेकिन उससेे भी  बुरी चीज है हमारी नकारात्मक सोच। ऐसी सोच जो हमें अंदर ही अंदर मार देते है। हमें कभी भी नकारात्मक सोचना नहीं चाहिए।

कई बार हम उस समस्या के बारे में सोचते हैं जो समस्या कभी आएगी ही नहीं। इतिहास गवाह है की मनुष्य समस्या से नहीं बल्कि सोच से मर जाता हैै।

वर्तमान में कोरोना महामारी चल रही है। कोरोना महामारी सेे कम लोग मर रहे हैं। लेकिन नेगेटिव थिंकिंग से ज्यादा मर रहे हैंं। कई लोग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते हैं उसका आधा प्राण निकल जाता है। वह सोचने लगता है कि अब मैं जिंदा नहीं बचेगा और बहुत जल्दी ही  मर जाता है।

रामचरित मानस में तुलसीदास जी लिखते हैं

तुलसी भरोसे राम के निर्भय होके सोए

 होनी तो होकर रहे अनहोनी ना होए।

दोस्तों जो होना है वह तो होकर ही रहेगा। आप कितना भी चाह लो उसे रोक नहीं सकते हैं। भूकंप आना है तो आएगी। बाढ़ आना है तो आएगी। तबाही मचाना  है तबाही मचेगी।  आप उसे नहीं रोक सकते हो। इसलिए कभी भी नकारात्मक सोच मन में नहीं लाए।

भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं

तुम क्यों सोच रहे हो। तुम किस व्यर्थ चिंता में डूबे हो। इस संसार में जो हो रहा है अच्छा ही हो रहा है। जो हुआ था वह भी अच्छा ही हुआ था और आगे जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। तो फिर तुम किस बात की चिंता कर रहे हो।  अपना कर्म करो और बाकी चिंता मुझ पर छोड़ दो।

इस तरह जब भी आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आए तो आप धार्मिक पुस्तक जैसे रामायण, गीता आदी को पढ़ें और अपने नकारात्मक विचार को बाहर निकाल दें।

मत सोच इतना…

जिंदगी के बारे में

जिसने जिंदगी दी है

उसने भी तो कुछ सोचा होगा।

सकारात्मक सोच कैसे बनाएं

दुनिया में जितने भी इंसान हैं हम उसे दो भाग में बांट सकते हैं। एक नकारात्मक और दूसरा सकारात्मक इंसान। ठीक उसी प्रकार इस दुनिया में जितने भी घटना घटित होते हैं उसे हम दो तरह के देखते हैं एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक।

गिलास आधी पानी से भरा हुआ है। सकारात्मक व्यक्ति देखेगा की गिलास में आधा पानी है यानी आधा भरा हुआ है। नकारात्मक व्यक्ति देखेगा अरे गिलास तो आधी खाली है।

कोई चांद को देखता है। कहता है अरे यह कितना सुंदर है। कितना शीतल दे रही है। आज चांद पर ना जाने कितने फिल्मी गीत बने हुए हैं। जबकि नकारात्मक व्यक्ति हमेशा बोलेगा  चांद को क्या देखना हैै। इस पर तो दाग लगा हुआ है।

सकारात्मक आदमी ताजमहल को देखता है। कहते हैं वाह क्या ताज है। यह दुनिया का सातवां अजूबा है। प्यार की निशानी है और मन ही मन शाहजहां को धन्यवाद बोलता है।

नकारात्मक व्यक्ति बोलेगा अरे यह ताज कोई देखने की चीज है। इसे बनाने वाला को शाहजहां ने हाथ कटवा दिया। ताज जो  सफेद था अब पीला हो रहा है। इसके अंदर मुमताज बेगम का कब्र से है। कब्र क्या देखें।

किस प्रकार दुनिया में जितने भी वस्तु हैं सब में आप सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं से सोच सकते हैं। यह आप पर निर्भर हैं कि आप कैसा इंसान बनना चाहते हैं।

आप अपनी सोच को बदलना चाहते हैं या नहीं बदलना चाहते हैं। मक्खी पूरे शरीर में वही बैठेगा जहां आपको घाव होगा या फिर कहीं कुछ गंदगी लगा हुआ होगा। आपको सोचना है कि आपको मक्खी बनना है या एक आशावादी पुरुष बनना है।

यदि हम दूसरे व्यक्ति में अच्छाई देखते हैं तो हम अच्छाई ग्रहण करते हैं और उसकी तरह अच्छा बन जाते हैं। यदि हम दूसरे व्यक्ति में बुराई देखते हैं तो बुराई ग्रहण करते हैं और उससे भी बुरा बन जाते हैंं।

दुनिया का ऐसा कोई इंसान नहीं है जो सर्वगुण संपन्न हो। सभी में कुछ ना कुछ दोष जरूर है। इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचे।

स्टेशन गुरुजी

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी है। जहां पर मैं मोटिवेशनल कहानी, पढ़ाई लिखाई, निवेश संबंधी अनेक अच्छी एवं उपयोगी बातें शेयर करता रहता हूं। आप चाहे तो इसे पढ़ सकते हैं।

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धन्यवाद।

लेखक

  • Madan Jha

    Hello friends, मेरा नाम मदन झा है। मैं LNMU Darbhanga से B.Com (Hons) एवं कोटा विश्वविद्यालय राजस्थान से M.Com हूं। मेरे इस वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी www.stationguruji.com हैं। मैं रेलवे विभागीय परीक्षा (Railway LDCE Exam), बच्चों के पढ़ाई लिखाई, नौजवानों के लिए मोटिवेशनल कहानी एवं निवेश, स्टॉक मार्केट संबंधी वित्तीय एवं ज्ञानवर्धक जानकारी शेयर करता रहता हूं।( नोट - उपर में Download बटन लगा है। Download करने के लिए पेज़ पर सबसे नीचे View Non-AMP version पर क्लिक करें। फिर नए पेज़ पर Download बटन पर क्लिक करके इसे Download कर सकते हैं।)

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